देश में हर दिन कोविड-19 के नए मामले सामने आ रहे हैं अभी तक कोई भी देश कोरोना वैक्सीन या कारगर इलाज तैयार नहीं कर पाया है।
हालांकि ज्यादातर देशों में रंदेशीविर को कोरोना के इलाज का फायदेमंद माना है इसी बीच भारत में रेमेदेशीविर की कमी हो गई है सरकार और निजी हॉस्पिटलों में यह दवा करीब-करीब नदारद हो गई है।
यही नहीं रेमदेसीविर की कालाबाजारी भी शुरू हो गई है बताया जा रहा है कि ब्लैक मार्केट में 6 गुना कीमत वसूली जा रही है नवी मुंबई में 38 वर्षीय एक शख्स को 4 जुलाई को सांस लेने में तकलीफ हुई उन्हें परिजनों ने अस्पताल में ले गए उन्हें तुरंत उसके बाद डॉक्टर ने कहा कि राजीव को रेमेडीशिविर की डोज देनी है।
उन्हें पहले दिन 200mg और उसके अगले दिन 4 100 एमजी की डोज दी जानी है साथ ही बताया कि अस्पताल में रेमेडेसिविर का स्टॉक खत्म हो चुका है उन्हें यह दवा बाजार से लानी पड़ेगी शख्स का परिवार की मुसीबत यहीं से शुरू हो गई वह जिस अस्पताल में डिस्ट्रीब्यूटर के पास गए उन्हें यही जवाब मिला कि दवा खत्म हो चुकी है और उन्हें चार-पांच दिन का इंतजार करना होगा।
वही ब्लैक मार्केट में उनसे 100mg वाली दवा के ₹30000 मांगे जा रहे थे जो हेटेरो की इस दवा की खुदरा कीमत से करीब करीब 6 गुना ज्यादा दाम है और कंपनी से बात करने पर उन्हें दो डोज मिल पाई जो अगले 2 दिन में खत्म हो जानी थी लेकिन हर व्यक्ति के इतने संपर्क नहीं होते यह सीधे कंपनी से संपर्क कर दवा जुटा सकें।
एक व्यक्ति ने बताया कि एक तरफ रेमडेसिवीर की शॉर्टेज हो गई है और दूसरी तरफ बड़ा स्टॉक ब्लैक मार्केट पहुंचा दिया गया है, जहां इसे ऊंची कीमतों पर बेचा जा रहा है बता दें कि भारत में करीब 7 लाख कोरोना मरीज हो चुके हैं।
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