एम्स के निदेशक, डॉ रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि अगर कोरोना प्रोटोकॉल का ढंग से पालन नहीं किया गया तो भारत में 6 से 8 सप्ताह में कोरोना वायरस की तीसरी लहर भी आ सकती है।
उन्होंने कहा कि जब तक आबादी के एक हिस्से को वैक्सीन नहीं लग जाती तब तक कोरोना प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन करना चाहिए डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि वैक्सीन का काम पूरा होने तक हमें आक्रामक तरीके से काम करना होगा।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पूरे देश में लॉकडाउन लगाने से महामारी पर कंट्रोल नहीं मिलेगा क्योंकि इससे आर्थिक गतिविधियां भी प्रभावित होगी एम्स के निदेशक ने यह भी दोहराया कि अब तक इस बात का कोई सबूत नहीं है कि कोरोना की अगली लहर में बच्चे अधिक प्रभावित होंगे।
केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजे गए पत्र में ही है कहा कि संक्रमण की चेन तोड़ने के लिए कोरोना के खिलाफ वैक्सीनेशन काफी जरूरी है इसलिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार को तेजी से अधिक से अधिक लोगों को कवर करने के लिए वैक्सीनेशन की गति तेज करनी चाहिए।
वही एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोरोना वायरस की तीसरी लहर सितंबर -अक्टूबर से आ सकती है भारत में अप्रैल-मई में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का सामना करना पड़ा था।
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