प्रयागराज में कुंभ स्नान की शुरुआत होने वाली है यहाँ पर एक वृक्ष है जिसका बखान पुराणों में भी है कहते है जब जल प्रलय होता है तब भी ये वृक्ष नहीं डूबता।
इस वृक्ष के पत्ते पर ईश्वर बालरूप में विद्यमान रहकर सृष्टि के अनादि रहस्य का अवलोकन करते है प्रयाग में अक्षयवट का प्रवेश द्वारा श्रद्धालुओं के दर्शन और पूजा के लिए गुरुवार से खोल दिया जाएगा।
कुंभ में अक्षय वट के दर्शन के बिना स्नान और पूजा अधूरी मानी जाती है किस सालो से यह अक्षयवट किले में सेना की सुरक्षा में था।
लेकिन इस बार कुंभ में स्नान के बाद श्रद्धालु अक्षय वट के दर्शन कर सकेंगे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मूल अक्षयवट दर्शन का श्रीगणेश करने के साथ परिक्रमा करेंगे।
कहते है इस वृक्ष को अकबर ने अपने किले में बंद करवा दिया था इस वृक्ष के साथ कामकूप नाम का तालाब था जिसमे मोक्ष प्राप्ति के लिए लोग नहाते थे और जब अकबर को इस बारे में पता चला तब उसने इस वृक्ष को किले में बंद करवा दिया और तालब को भी बंद करवा दिया।
सुनने में आया है की अकबर के सेनिको ने इसे जलने की भी कोशिश की थी लेकिन इसे जलाने में सफल नहीं हो पाए।
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