शत्रु को करना है पस्त तो चाणक्य की ये निति को अपनाकर देखे एक बार

दुनिया में हर किसी का मित्र और शत्रु दोनों ही होते हैं मित्र जहां आप का फायदा सोचते हैं शत्रु हमेशा आप को नुकसान पहुंचाने की कोशिश में लगा रहता है। 


चाणक्य  एक विद्वान होने के साथ ही कुशल  कूटनीतिज्ञ भी थे उन्होंने चाणक्य नीति में अपने अध्ययन और अनुभव के आधार पर शत्रु के बारे में कुछ बातें बताइए जिससे सावधान रहना काफी जरूरी है चाणक्य के अनुसार शत्रु  दो प्रकार के होते हैं पहला शत्रु दिखाई देता है और दूसरा शत्रु छिपा हुआ होता है चाणक्य निति में  बताया गया है कि  जो शत्रु सामने होता है उससे तो हमेशा सतर्क रहना है ही है लेकिन जो शत्रु छिपा हुआ होता है उसकी हर चाल का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए इसके अलावा कुछ और भी बाती है जिनके ध्यान में रखकर दुश्मन को पराजित किया जा सकता है। 


1 चाणक्य के अनुसार कभी भी शत्रु को कमजोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए जैसे ही आप अपने शत्रु को कमजोर समझ लेते हैं उस पर आपका ध्यान कम हो जाता है फिर नतीजा यह होता है कि मौका पाते ही वह आप पर हमला कर देता है साथ शत्रु को कभी अपनी कमजोरी भी नहीं बतानी चाहिए। 


2 चाणक्य के अनुसार यदि आप का शत्रु आपसे ज्यादा शक्तिशाली है तो शांत होकर रणनीति बनानी चाहिए साथ ही अपनी शक्ति को बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए और मौका मिलते ही शत्रु की चाल उसी भाषा में जवाब देना चाहिए। 



3 चाणक्य के अनुसार हमेशा अपनी ताकत को बढ़ाते रहना चाहिए आपकी शक्ति जैसे-जैसे बढ़ती है वैसे शत्रु का हौसला अपने आप पस्त होता जाता है। 

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