एलओसी पर भारतीय और चीनी सैनिकों की भिड़ंत का कोरोना से कोई कोई रिश्ता है।
चीनी रणनीति बहुत आगे की सोच कर बनाई जाती है अगर यह बात सच है तो अगले हफ्ते शिकागो में वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन यानी डब्ल्यूएचओ के एकजुट मेंबर्स के चुनाव का असर 12000 किलोमीटर से ज्यादा दूर सिक्किम में सीमा पर नजर आ रहा है इसका अर्थ है कि कोरोना के मामले में खुद पर उंगली उठने की आशंका से चीन पहले ही दबाव डालने की कोशिश में लग गया है।
भारत और चीन की सरहद पर तनाव और टकराव की घटनाएं इस गर्मियों में बढ़ने की आशंका है भारत के पूर्व सिक्किम के उत्तरी हिस्से में मूगथंग के पास नाकुला पर भारत और चीन के सैनिकों के बीच टकराव की संभावना नहीं होती है उत्तरी सिक्किम के पूर्वी हिस्से में भारत चीन सीमा पर 23 केन लगे हुए हैं पत्थरों का एक छोटा सा डेरा होता है यानी यह सिमा 1905 में ही तय हो गई थी।
पश्चिमी सीमा भी वाटरशेड सिद्धांत के तहत दोनों ही पक्षों को स्वीकार है यहां कभी तनाव की स्थिति नहीं आई थी लेकिन 9 मई 2020 को चीनी सैनिकों के गश्ती दल में भारतीय इलाके में घुसने की कोशिश की जिसका भारतीय सैनिकों ने विरोध किया और झगड़ा बढ़ गया लद्दाख की पैंगांग झील के पास फिगर इलाके में 5 -6 मई की रात भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच मारपीट हो गई उत्तरी लद्दाख के दौलत बेग ओल्डी इलाके पर भी चीनी सैनिकों ने आगे बढ़ने की कोशिश की और तनाव बढ़ गया भारतीय सेना ने अपने बयान में झील की घटनाओं को स्वीकार किया है यही दावा किया है कि हालात शांत है।
लद्दाख के दोनों सेनाओं के बीच आमना-सामना होने की घटनाएं होती है लेकिन सिक्किम में ऐसा नहीं होता इसका जवाब 18 मई से शिकागो में होने वाली वर्ल्ड हेल्ड असेंबली की बैठक में छुपा हुआ है दरअसल 22 मई को डब्ल्यूएचओ की नियुक्ति होनी है जिसका कार्यकाल 1 साल के लिए होता है यह पद जापान के डॉक्टर हीरोकी का कार्यकाल पूरे होने के बाद खाली हो रहा है इस पद पर भारत का कब्जा होगा यह बात पिछले साल ही तय हो चुकी है यह डायरेक्टर जनरल के हर फैसले को प्रभावित कर सकता है और ज्यादा महत्वपूर्ण हो जाता है।
जब कोरोना महामारी को लेकर चीन पूरी दुनिया के कटघरे में खड़ा है और उस परवैश्विक स्तरपर कार्रवाई होगी मौजूदा डायरेक्टर जनरल टेडरोज अधनोम पर अमेरिका सहित दुनिया के कई देश कोरोना महामारी के फैलाने में चीन की भूमिका पर पक्षपाती होने का आरोप लगा चुके हैं यहां तक की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने तो डब्ल्यूएचओ पर सीधा आरोप लगाते हुए वित्तीय मदद तक रोक दी है अब चीन का सबसे बड़ा डर यह है कि डब्ल्यूएचओ के एक्ज्यूटिव बोर्ड के चेयर पर्सन के पद पर आने के बाद भारत कोरोना महामारी के मामले में उस पर सख्ती से पेश आएगा।
34 सदस्यों वाले एकजुट बोर्ड के चेयरपर्सन का दबाव वर्ल्ड हेल्ड असेंबली की नीतियों और फैसलों पर सीधे-सीधे पड़ेगा तब चीन के पक्षधर डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर जनरल उसकी ज्यादा मदद करने की स्थिति में नहीं होंगे इसलिए चीन उसी रणनीति का पालन कर रहा है जिसको हर जगह आजमाया करता है अपनी बात को मनवाने के लिए ताकत का इस्तेमाल करो और शांति स्थापित करने के लिए ब्लैकमेल करो आशंका है कि इस बार हिमालय में भारत और चीन सीमा पर गर्मी बढ़ती रहेगी।
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