सीएम योगी आदित्यनाथ के इस कदम से अब थाने लाइ जाने वाली गाय भूखी नहीं रहेगी।
अवैध कारोबार के तहत पकड़ी जाने वाली गायों के लिए 1 साल तक चारे का इंतजाम कर दिया गया है ये गोवध निवारण कानून के तहत कदम उठाया गया है गायों की तस्करी करते हुए जो भी पकड़ा जाएगा वह 1 साल तक गायों के चारों का इंतजाम करेगा नए कानून में इसका जिक्र किया गया है इस केस का निपटारा होने का 1 साल का वक्त पूरे होने तक गौ तस्करी के आरोपियों को पकड़ी गई गायों के चारों के लिए खर्चा देना होगा इतना ही नहीं अगर इस दौरान कोई घायल मिलती है तो उसके इलाज का खर्च भी आरोपी ही उठाएगा।
यूपी से अच्छी गायोंएवं गो वंशीय पशुओ को अन्य प्रदेशों में पलायन रोकने श्वेत कांति का सपना साकार करने और कृषि कार्यों कोबढ़ावा देने के लिए यह जरूरी हो गया है यह गाय एवम गोवंश पशुओं का संरक्षण एवं परीक्षण किया जाए।
उत्तर प्रदेश गोवध निवारण अधिनियम 1955 की धारा 8 में गोकशी की घटनाओं हेतु 7 वर्ष की अधिकतम सजा का प्रावधान है वहीं उक्त घटना में सम्मिलित होने के मामले बढ़ रहे हैं इन सभी कारणों से जन भावना का आदर करते हुए यह आवश्यक हो गया है कि गोवध निवारण अधिनियम को और अधिक सुदृढ़ संगठित और प्रभावी बनाए।
इन्हीं बिंदुओं पर विचार करते हुए वर्तमान गोवध निवारण अधिनियम 1955 में संशोधन किए जाने का निर्णय लिया गया है अध्यादेश के जरिए यूपी गोवध निवारण अधिनियम में बदलाव कर इसे और सख्त बनाया गया है आपको बता दें कि पहले कानून में गोवंश के बाद या नियत से न्यूनतम सजा का प्रावधान नहीं था लेकिन अब 7 साल की जेल और 10 साल की जेल और 5 लाख जबकि गोवंश को अंगभंग या जानलेवा चोट पर उपरोक्त सजा बढ़ा कर 7 साल तक जेल और 3 लाख रुपये तक जुर्माना लगेगा।
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