26 जनवरी के दिन मचे कोहराम से पुलिस दिल्ली बॉर्डर खाली करवाने की जद्दोजहद कर रही है।
प्रशासन की सख्ती के बाद गाजी बॉर्डर पर तीन कंपनी CAPF, 6 कंपनी PAC और 1000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया था वहीं भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत वहां से टस से मस नहीं हो रहे हैं और उन्होंने साफ शब्दों में कह दिया है कि वह यहां से हटेंगे नहीं लेकिन आत्महत्या जरूर कर लेंगे लेकिन यह आंदोलन किसी भी हालत में खत्म नहीं करेंगे एक इंटरव्यू में उनका रोने का वीडियो भी वायरल हुआ है वीडियो के वायरल होते है यूपी के आसपास के गांव के किसान उनका देने के लिए आगे आये है।
किसानों की लड़ाई के लिए राकेश 44 बार जेल भी जा चुके हैं मध्य प्रदेश के भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ आंदोलन के चलते टिकट को 39 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था इसके साथ ही किसानों के गन्ना मूल्य बढ़ाने के लिए भी उन्होंने संसद भवन के बाहर प्रदर्शन किया था तो उन्हें तिहाड़ जेल भेजा गया था उसमें राकेश टिकैत ने संसद भवन के बाहर ही गन्ना जला दिया इसके अलावा राकेश टिकैत किसान की मांगों के लिए आंदोलन करते रहे हैं।
राकेश टिकैत तीन बच्चों के पिता है उन्होंने 1985 में बागपत जिले के दादरी गांव की सुनीता से शादी की थी राकेश टिकैत ने मेरठ यूनिवर्सिटी से m.a. के बाद एलएलबी किया है उन्होंने 2014 में यूपी की अमरोहा सीट से राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष अजीत सिंह लोकसभा प्रत्याशी बनाया जिसमें वह हार गए थे टिकैत 1993 में कॉन्स्टेबल के पद पर नौकरी किया करते थे उन पर उनकी पिता का काफी प्रभाव है।
1993 -94 लाल किले पर पिता महेंद्र सिंह के नेतृत्व में किसानों का आंदोलन चल रहा था उन्होंने भी इसमें हिस्सा लिया था सरकार ने आंदोलन खत्म करने का दबाव बनाया तो उन्होंने अपनी पुलिस की नौकरी छोड़ दी और किसानों के साथ खड़े हो गए उनके पिता की मौत कैंसर की वजह से हो गई।
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