पिछले पिछले 7 महीने में पूरी दुनिया ने बड़ी बेचैनी के साथकाटे हैं और यह बेचैनी अब भी कायम है।

इसकी वजह कोरोना वायरस महामारी इसने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को काफी हद तक खराब कर दिया है वायरस के कई ऐसे गमो और झटकेदिए हैं जिसकी कल्पना किसी ने भी नहीं की होगी वहीं इसकी वजह से लगे लॉक डाउन है में कई सकारात्मक बदलावों से भी रूबरू करवाया है लॉकडाउन पर्यावरण ही नहीं इंसानों के लिए भी जीवन दायक रहा इससे भारत में सड़क हादसों में काफी कमी दर्ज की गई है।
सरकारी आंकड़े बताते हैं कि 24 मार्च से 30 मई 2000 के बीच सड़क हादसों में जबरदस्त गिरावट आई है इसी अवधि में वर्ष 2019 में महाराष्ट्र में 2655 मौत सड़क हादसे में हुई थी जो इस वर्ष 1032 रही,राजस्थान में 2019 में इस दौरान 1706 लोगों ने सड़क हादसों में अपनी जान गवाई थी जो इस साल 535 रही।

इसी तरह गुजरात में पिछले साल 1404 लोगों की जानें एक्सीडेंट की वजह से गई थी जबकि इस साल केवल 504 मौतें ही रिकॉर्ड की गई है बिहार में 1535 लोगों ने 2019 में एक्सीडेंट में जानगंवाई थी जो इस साल घटकर 637 हो गई तेलांगना में पिछले साल 1257 लोग सड़क हादसे में मारे गए और 2020 में यह आंकड़े 657 मौत का मौत को ही पार कर पाए।

ये वो राज्य है जो पिछले 24 मार्च से 30 मार्च 2019 के दौरान सड़क हादसों में टॉप 5 में रहे थे आंकड़े बताते हैं किलॉक डाउन में सड़क हादसों में 50 फ़ीसदी तक गिरावट दर्ज की गई है दुनिया भर में 1 साल में करीब 13. 5 लाख लोगों की मौत केवल सड़क हादसों में होती है इनमें से करीब 1.5 लाख लोगों के लिए भारत में सड़क हादसों की भेंट चढ़ जाते हैं।

भारत में सड़क हादसे की कई वजह हैं सड़क की खराब हालत ही प्रमुख वजह है सड़कों पर गड्ढे ही हर साल हजारों लोगों की जान ले लेते हैं लॉक डाउन के दौरान 24 मार्च से 30 मई 2020 के बीच सड़क हादसों में होने वाली मौत में जहां सबसे ज्यादा कमी आई उसमें सबसे ऊपर महाराष्ट्र है महाराष्ट्र में इस दौरान 2019 के मुकाबले 2020 में करीब 1632 लोगों की जान कम गई है और वही दूसरे नंबर पर मौजूद राजस्थान में इस साल 1171 ,गुजरात में 900 ,बिहार में 898 लोगों की जान गई है।
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