अमेरिकी वैज्ञानिकों के एक प्रतिष्ठित पैनल ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को गलत बताया है जिसमें उन्होंने कहा था कि गर्मियां आने पर कोरोना वायरस खत्म हो जाएगा।
वैज्ञानिकों ने बुधवार को व्हाइट हाउस को एक रिपोर्ट सौंपी इसके मुताबिक गर्मियों का इस वायरस पर कोई खास नजर असर नजर नहीं आ रहा है रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे किसी चमत्कार की उम्मीद ना की जाए तो बेहतर है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक नेशनल एकेडमी ऑफ साइंस ने व्हाइट हाउस को एक खत लिखकर बताया है कि अभी तक दुनिया भर के देशों से मिली डाटा से स्पष्ट होता है कि यह वायरस उतनी ही आसानी से गर्म देशों में फैल रहा है जितनी आसानी से यूरोप जैसे सर्द वातावरण वाले देशों में फैलता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि मौसम से किसी व्यक्ति के संक्रमित होने पर बहुत ही कम असर पड़ता है क्योंकि दुनिया में बहुत कम लोग इसके प्रति इम्यून है वैज्ञानिकों के मुताबिक यह तो सही है कि गर्मियों में वायरस के फैलने की क्षमता नहीं रहेगी लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता।
क्योंकि न तो अभी तक हमारे पास इसकी कोई वैक्सीन है और ना ही लोगों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता इसे लड़ पाने में सक्षम है इसी के चलते गर्मियों में भी उसी रफ्तार से फैल सकता है जैसे यह भी फैल रहा है चीन का उदाहरण देकर वैज्ञानिकों ने बताया कि इस देश के कई इलाकों में वायरस फैला है जहां तापमान सामान्य से ज्यादा था और ह्यूमिडिटी काफी थी गर्मियों में भी एक एक संक्रमित व्यक्ति औसतन कम से कम 2 लोगों को यह संक्रमण दे रहा था।
वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के इनफेक्शियस डिजीज एक्सपर्ट डॉक्टर विलियम शेफनर के मुताबिक हम तो यह उम्मीद कर सकते हैं कि गर्मियों में इस वायरस के संक्रमण की गति धीमी होगी इसके खत्म होने के दावों में फिलहाल कोई दम नहीं है उन्होंने कहा कि इस तरह की हवा -हवाई अदाओं के आधार पर लोगों को मरने के लिए नहीं छोड़ा जा सकता।
दुनिया के सभी देशों को एक अरसे तक सोशल डिस्ट्रेसिंग का पालन करना ही होगा आपको बता दे की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस की एक फ्रेंड्स को कांफ्रेंस में दावा किया था कि गर्मी आने पर कोरोना से राहत मिल जाएगी ट्रंप ने पहली 10 फरवरी को पहली बार यह दावा किया था कि गर्मी बढ़ने के साथ अप्रैल महीने में कोरोना वायरस का खात्मा हो जाएगा।
इसके बाद कई चुनावी रैलियों में भी उन्होंने लोगों को दिलासा देते हुए कहा कि गर्मियां सब ठीक कर देगी ट्रम के आलोचकों का मानना है कि उनके इस व्यवहार के चलते ने कब्रिस्तान में बदल गया है शेफनर के मुताबिक दुनिया के देशों को गर्मियों की चिंता छोड़ कर आने वाली सर्दियों की चिंता करनी चाहिए क्योंकि तब यह वायरस पहले से ज्यादा तबाही मचाने में सक्षम है।
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